आज आँखों में नींद नहीं है...
उनींदी ऑंखें लिए जाने क्या सोच रहा हूँ...
शायद अतीत के पन्ने जेहन से बाहर आ गए है... उनकी तबियत भी सही नहीं है....कल एस एम एस आया था....
बी पी कुछ ज्यादा है,फिर भी डांस क्लास जाना ज़रूरी लग रहा है उनको,
बस अभी अभी ही तो इत्तला करी है.....
एस एम एस से ही...
इस मुई बोली के भी अलग माइने है...जो हिंदी या अंग्रेजी में नहीं कह पाते...ये कमबख्त हमेशा अर्जेंट डिलिवरी लिए तैयार खडा रहता है... ख्वाइशे भी नहीं रह पाती दिल के भीतर...अनायास ही उंगलिया चल जाती है...और धज्जिया उड़ा देती है उन सारी बातों का जिन्हें मन सीक्रेट रखने की सोचता है... खैर छोड़ो!!! इस मुई ज़बान को क्या दिस्कस करना.....
Note : आप लोग सोच रहे होंगे मै सुबह के दस बजे ना नींद आने को लेकर क्यों परेशान हूँ?? अरे भाई येही तो वक़्त होता है हमारे सोने का...वो क्या है न...रात तो हमारे अमरीका के लोग ले लेते है हमसे,हमें राहुल से Allex बनाकर...अब दिन भी ही बचता है जो सुकून देता है.....
Note:

No comments:
Post a Comment